इकाई 3: मंदिर मूर्तिकला, कांस्य और इंडो-इस्लामिक वास्तुकला
भारतीय मंदिरों के कलात्मक पहलू (6वीं शताब्दी ई. से 13वीं शताब्दी ई. तक)
- मंदिर मूर्तिकला का परिचय:_ (6वीं शताब्दी ई. से 13वीं शताब्दी ई. तक)
- निम्नलिखित मंदिर-मूर्तियों का अध्ययन:_
- गंगा का अवतरण (पल्लव काल, महाबलीपुरम तमिलनाडु), पत्थर लगभग 7वीं शताब्दी ई.।
- रावण द्वारा कैलाश पर्वत को हिलाना (राष्ट्रकूट काल, एलोरा)।
- त्रिमूर्ति (एलिफेंटा, महाराष्ट्र)पत्थर लगभग 9वीं शताब्दी ई.।
- लक्ष्मी नारायण (कंदरिया महादेव मंदिर) (चंदेल; काल, खजुराहो, मध्य प्रदेश) लगभग 10वीं शताब्दी ई.।
- झांझ वादक सूर्य मंदिर (गंगा राजवंश, कोणार्क, उड़ीसा) लगभग 13वीं शताब्दी ई.।
- मदर एंड चाईल्ड (विमल शाह मंदिर, सोलंकी शासक, दिलवाड़ा, माउंट आबू, राजस्थान) सफ़ेद संगमरमर। लगभग 13वीं शताब्दी ई.।
- कांसे:_
- भारतीय कांस्य का परिचय
- ढलाई की विधि (ठोस एवं खोखली)
- निम्नलिखित दक्षिण भारतीय कांस्य का अध्ययन:_
- नटराज (तंजोर जिला, तमिलनाडु)चोल काल (12वीं शताब्दी ई.) (संग्रह: राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली)।
- देवी (उमा) चोल काल (12वीं शताब्दी ई.)(संग्रह: राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली)।
- इंडो-इस्लामिक वास्तुकला के कलात्मक पहलू:_
- परिचय
- निम्नलिखित वास्तुकला का अध्ययन:_
- कुतुब मीनार, दिल्ली
- ताजमहल, आगरा
- बीजापुर का गोल गुम्बज
इकाई 4: लघु चित्रकला की राजस्थानी और पहाड़ी शैलियाँ
16वीं शताब्दी ई. से 19वीं शताब्दी ई. तक
भारतीय लघु शैली का परिचय: पश्चिमी भारतीय, पाल, राजस्थानी, मुगल, मध्य भारत, दक्कन और पहाड़ी।
- राजस्थान; स्कूल
- मौलिक एवं विकासात्मक।
- स्कूल मेवाड़, बूंदी, जोधपुर, बीकानेर, किशनगढ़ और जयपुर।
- राजस्थानी स्कूलों की मुख्य विशेषताएं।
- निम्नलिखित राजस्थानी चित्रकला का अध्ययन:
शीर्षक चित्रकार स्कूल
मरु-रागिनी - सहिब्दीन - मेवाड़
राजा अजनिरुद्ध सिंह हीरा - उत्कलराम - बूंदी
Chaugan Players - दाना - जोधपुर
झूले पर कृष्ण - नूरुद्दीन - बीकानेर
Radha (बणी ठनी) - निहालचंद - किशनगढ़
भरत की राम से मुलाकात चित्रकुट में - गुमान - जयपुर
2. पहाड़ी स्कूल:
- उत्पत्ति एवं विकास
- स्कूल-बसोहली और कांगड़ा
- पहाड़ी स्कूल की मुख्य विशेषताएं
- निम्नलिखित पहाड़ी चित्रकला का अध्ययन
शीर्षक स्कूल
कृष्ण गोपियों के साथ - बसोहली
Raga Megha - कांगड़ा
इकाई 5 लघु चित्रकला की मुगल और दक्कन शैली
16वीं शताब्दी ई. से 19वीं शताब्दी ई. तक
- मुगल स्कूल
- उत्पत्ति एवं विकास
- मुगल स्कूल की मुख्य विशेषताएं
- निम्नलिखित मुगल चित्रकला का अध्ययन
शीर्षक चित्रकार स्कूल
कृष्ण पर्वत उठा रहे हैं - गोवर्धन - अकबर
बाबर सोन नदी पार करते हुए - जगन्नाथ - अकबर
मडोना की तस्वीर पकड़े हुए जहांगीर - अबुल हसन - जहांगीर
पक्षी विश्राम पर बाज़ - उस्ताद मंसूर - जहांगीर
कबीर और रैदास - उस्ताद फकीर उल्लाह खान - शाहजहां
दारा शिकोह की बारात - हाजी मदानी - प्रांतीय Mughal (Oudh)
2. दक्कन स्कूल
- उत्पत्ति एवं विकास
- दक्कन स्कूल की मुख्य विशेषताएं
- निम्नलिखित दक्कन चित्रकला का अध्ययन
शीर्षक स्कूल
राग हिंडोला - अहमदनगर
चाँद बीबी पोलो खेलती हुई (चौगान) - गोलकुंडा
इकाई 6: बंगाल स्कूल और भारतीय कला में आधुनिक रुझान
(A)
- भारतीय कला में नया युग- एक परिचय
- निम्नलिखित पेंटिंग का अध्ययन
- राम द्वारा समुद्र का अभिमान चूर करना - राजा रवि वर्मा
- भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का विकास (प्रथम चरण 1906, मध्य चरण 1921 और अंतिम चरण 1947): स्वरूप और रंग योजना का अध्ययन।
(B)
- बंगाल चित्रकला स्कूल का परिचय:
- बंगाल स्कूल की उत्पत्ति और विकास
- बंगाल स्कूल की मुख्य विशेषताएं
- राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय कलाकारों का योगदान
- बंगाल स्कूल की निम्नलिखित चित्रकलाओं का अध्ययन
- यात्रा का अंत - रवींद्रनाथ टैगोर
- पार्थसारथी - नंदलाल बोस
- राधिका - एम.ए.आर. चुगताई
(C)
भारतीय कला में आधुनिक रुझान
परिचय
- निम्नलिखित चित्रों का अध्ययन:
- जादूगर-गगनेन्द्रनाथ टैगोर
- माँ और बच्चा-जामिनी रॉय
- महिला चेहरा-रवींद्रनाथ टैगोर
- थ्री गर्ल्स-अमृता शेरगिल
- मूर्तिकला के निम्नलिखित मूर्तियों का अध्ययन:
- श्रम की विजय - डी.पी. रॉयचौधुरी
- संथाल परिवार-रामकिंकर वैज
- समकालीन भारतीय कला के निम्नलिखित कार्यों का अध्ययन
- पेंटिंग
- मदर टेरेसा-एम.एफ. हुसैन
- कविता का जन्म- के.के. हेब्बार
- गॉसिप-एन.एस.बेंद्रे
- शीर्षकहीन - जी.आर. संतोष
- विकर्ण - तैयब मेहता
- ग्राफ़िक प्रिंट:
- व्हर्ल पूल - कृष्णा रेड्डी
- बच्चे - सोमनाथ होरे
- देवी - ज्योति भट्ट
- दीवारों का - अनुपम सूद
- आदमी, औरत और पेड़ - के. लक्ष्मण गौड़
- मूर्तियां:
- खड़ी महिला - धनराज भगत
- चीखें अनसुनी - अमर नाथ सहगल
- गणेश - पी.वी. जानकीराम
- फिगर - शंखो चौधरी
- चतुर्मुखी - एके यादा गिरि राव