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उतरप्रभाववाद (post impressionism) | फाववाद (fauvism)

पौल सेजान, वान गो , पौल गोग्व, हेनरी मातिश, Paul Cezanne, Van Gogh, Paul Goguy, Henri Matisse, paul sejaan, vaan go , paul gogv, henaree maatish

  • Scarlett Hill👋
    Scarlett Hill👋
    March 03, 2025

★ उतरप्रभाववाद (post impressionism) ★

  • प्रभाववाद के बाद एक प्रमुख फ्रांसीसी (French) कला आंदोलन की शुरुआत हुई जो 1886 और 1905 के बीच विकसित हुआ था। ये अंतिम प्रभाववाद प्रदर्शनी से फाउविज्म के जन्म तक के मध्य के समय में विकसित होने वाली शैली थी, जिसे उत्तर प्रभाववाद नाम दिया गया। 
  • उत्तरप्रभाववाद का नामकरण रॉजर फ्राय के द्वारा 1910 ई. में किया गया।
  • उतरप्रभाववाद किसी कलाविषयक वाद का नाम नहीं है न उत्तर प्रभाववादी चित्रकार किसी समान ध्येय से प्रेरित थे।
  • उनमें एक ही समानता थी कि वे सब प्रभाववाद से असंतुष्ट थे।
  • प्रभाववाद के उत्तरकाल में उन्होंने वैयक्तिक विचारों के अनुसार कला के नये मोड़ दिए जिस कारण वे उत्तर प्रभाववादी कहलाए।
  • उत्तर प्रभाववाद आंदोलन का नेतृत्व पॉल सेजां (Paul cezanne) (जो कि उत्तर प्रभाववाद के पिता के रूप में जाने जाते हैं), पॉल गौगुइन (Paul Gauguin) , विन्सेंट वैन गॉग (Vincent van gogh) और जॉर्जे सोरा (Georges Seurat) (जो कि नवप्रभाववाद के प्रणेता थे) ने किया था।
  • वान गो की कला से अभिव्यंजना वाद को व गोग्व की कला से फाववाद को प्रेरणा मिली।
Pol Cezanne पोल सेजान
Image - Pol Cezanne पोल सेजान

पोल सेजान - Pol Cezanne ----------------

  • सेजान की कला में पाये जाने वाले रूपांतरित आकार को रोजरफ्राय ने लचीला आकार नाम दिया।
  • अन्य उत्तरप्रभाववादी चित्रकारों की अपेक्षा सेजान का बीसवीं सदी की कला पर अधिक क्रांतिकारी प्रभाव पड़ा।
  • इन्हें आधुनिक कला के जन्मदाता माने जाते है ।
  • चित्राकृतियां - काली घड़ी, स्नानमग्न युवतियां, ताश खेलने वाले, चाचा दोमिनिक, फांसी दिए व्यक्ति का मकान, गारदान का दृश्य आदि।

वान गो --Van Gogh
Image - वान गो --Van Gogh

वान गो --Van Gogh -----------

  • (नीदरलैंड) की कला के आरंभिक काल को डच काल कहते है।
  • गोगा ताहिती की कला से प्रभावित थे।
  •  चित्राकृतियां - पेर तांगवी का व्यक्ति चित्र, आलू भक्षी, सूरजमुखी फूल, घाटी, तारों भरी रात, सरोवृक्षो का मार्ग, गेंहू के खेत पर कौवे आदि।

पौल गोग्व --------------

  • गोग्व ताहिती की कला से प्रभावित थे।
  • चित्राकृतियां - जेकोब का देवता से द्वंद्वयुद्ध, पीला ईसा आदि।

★ फाववाद (fauvism) ★

  • 1905 में सेलों दोतान में मातीस के नेतृत्व में नवकलाकारों के एक मंडल ने चित्रों की प्रदर्शनी की।
  • प्रदर्शनी के जिस कक्ष में इन कलाकारों के चित्र रखे गए थे उसी कक्ष में मूर्तिकार मार्क्वे की 14 वी शताब्दी की शैली में बनायी एक छोटे बच्चे के शीर्ष की मूर्ति थी।
  • नवकलाकारों के चित्र अनोखे ढंग से बनाये गए थे एवं उनके बीच मार्क्वे की प्राचीन शैली की मूर्ति अजीब सी दिखाई दे रही थी। इस विरोध को देखकर कला समीक्षक वोक्सेल ने कहा देखो जंगली जानवरों के बीच दोनातेलो । दोनातेलों एक प्रसिद्ध प्राचीन मूर्तिकार थे।
  • ये चित्रकार अपनी भावनाओं को विशुद्ध रंगों द्वारा व्यक्त करना चाहते थे इनके चित्र अच्छे नहीं होते है, अब ये कलाकार फाव या जंगली जानवर नाम से प्रसिद्ध हुए।
  • 19 वी शताब्दी के अंत में वानगो, गोग्व व सेजान की जो प्रदर्शनीयां हुई उनसे फाव चित्रकारों को काफी प्रेरणा मिली।
  • फाववादी कलाकार हेनरी मातीस, मोरिस क्लामक, आंद्रे, रौल धुफी, जॉर्ज रुओ ।

हेनरी मातीस –---------------

  • हेनरी मातीस जा जन्म 1869 में भी ल कातो में हुआ था। बीमारी के चलते रुग्णालय में ही चित्रकारी किया करते हैं मनोरंजन के लिए। चित्रकारी के इस अनुभव के बारे में मातीस ने लिखा "मैने अनुभव किया कि मुझे कोई स्वर्गप्राप्ति हुई है"। फाववाद के नेता हेनरी मातीस को माना जाता है।

प्रमुख चित्र - हरि पट्टी, जीवन का आनंद, कक्षुआ, तीन स्नानमग्नाए, लाल चित्रकलाकक्ष, पियानोवादन का अभ्यास, वायोलिन, सफेद पर आदि।

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